पुरातत्व विभाग ने देवलगढ़ में खोजी चार नई सुरंगे
श्रीनगर। चांदपुर गढ़ के राजा अजयपाल की राजधानी रही देवलगढ़ में पुरातात्विक सर्वेक्षण चल रहा है। देवलगढ़ में पुरातात्विक खोज के दौरान बढ़ी सफलता मिली है। संस्कृति विभाग देहरादून और पुरातत्व विभाग पौड़ी से पहुंचे खोजकर्ताओं को अलग-अलग स्थानों पर चार पौराणिक सुरंग मिली है। जिसमें से तीन सुरंगों में व्यक्ति आराम से आवागमन कर सकता है। जबकि एक सुरंग में 100 सीढ़ी हैं।
श्रीनगर से 20 किमी दूर देवलगढ़ में ऐतिहासिक राजराजेश्वरी और गौरा देवी मंदिर स्थित है। यह सुरंग अजय पाल के समय की बताई जा रही है। साथ ही सुरंग के अंदर मंदिर के छोटे-छोटे समूह अन्य पौराणिक चीजें भी मिली है। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि देवलगढ़ मंदिर 9वीं शताब्दी का ऐतिहासिक मंदिर है। बताया कि पुरातात्विक सर्वेक्षण के दौरान मंदिर से 500 मीटर की दूरी में 50 मीटर लम्बी, 100 मीटर लम्बी, 300 मीटर लम्बी, 400 मीटर की दूरी में सुरंग बनी हुई है। जोकि देवलगढ़ स्थित नौला गदेरे में खुल रही है।
उन्होंने बताया कि ये सुरंगे दो अलग-अलग पहाड़ियों पर मिली है। बताया कि तीन सुरंगे ऐसी है, जिसमें व्यक्ति आराम से कंधे में लाद कर सामान को भी ले जा सकता है। लेकिन एक सीढ़ी नुमा सुरंग में व्यक्ति को हाथों के सहारे जाना होगा।खोजकर्ताओ ने बताया कि यह सुरंगे 9 वीं सदी से 15 सदी तक बनी हुई है।