दिल्ली,
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर इस्राइल की चिंता बढ़ती जा रही है। अब इस्राइल को अमेरिका और ब्रिटेन से मदद की उम्मीद है। इस्राइली रक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे ईरान की ओर से होने वाले संभावित हमले से पहले अमेरिका और ब्रिटेन के साथ समन्वय कर रहे हैं। अब इस्राइल को नाटो समझौते के तहत किया गया अब्राहम गठबंधन याद आ रहा है।
गाजा में बीते 10 महीने से चल रहे इस्राइल-हमास युद्ध के बीच हमास के शीर्ष नेता हानिया की हत्या के बाद से ईरान की ओर से हमले की आशंका बढ़ गई है। हालांकि चार महीने पहले भी ईरान ने इस्राइल पर गोलीबारी की थी। इस दौरान 300 ईरानी ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं थीं। जिसे इस्राइल, अमेरिका और सहयोगियों ने नष्ट कर दिया था।
अब हानिया की हत्या के बाद ईरान गुस्से में है और इस्राइल से बदला लेने की धमकी दे चुका है। इस्राइल के अधिकारियों का मानना है कि इस बार ईरान बड़ा हमला कर सकता है। वह या तो इस्राइल पर सीधा हमला करेगा या फिर प्रॉक्सी हमले या फिर दूसरे देशों में बने इस्राइली ठिकानों पर हमले करेगा।
इस्राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि उन्होंने संभावित खतरे के मद्देनजर अमेरिका और ब्रिटेन के रक्षा मंत्री से बात की है और मौजूदा सुरक्षा घटनाक्रमों की स्थिति पर चर्चा की है। वहीं अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने भी कहा है कि अगर हमला होता है तो वह इस्राइल की मदद करेगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि पेंटागन यह तय कर रहा है कि उसके पास सही संसाधन और क्षमताएं हों।