चमोली,
धंसाव और भूस्खलन से तहस-नहस हुए क्यूंजा घाटी के किणझाणी गांव के 60 परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। 14 आपदा प्रभावित परिवार स्कूलों में रह रहे हैं, जबकि 44 परिवार अपने नाते-रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।
मवेशियों को अन्यत्र ले जाने की कोई व्यवस्था न होने पर ग्रामीण दिन में अपने घरों में लौट रहे हैं, जबकि शाम होते ही गांव छोड़कर जा रहे हैं। गांव के निचले क्षेत्र में खेतों में दरारें पड़ गई है, जिससे कृषि भूमि भी तहस-नहस हो गई है। ग्रामीणों ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से उन्हें अन्यत्र विस्थापित करने की मांग उठाई है।