चमोली जिले के देवाल में ऐराठा गांव की 5 किमी की सड़क पूरी तरह से टूटी हई है, इसे सड़क नहीं बल्कि पगडंडी बोलना चाहिए, यहां के लोग नारकीय जीवन जी रहे है गांव के बच्चे देवाल में किराये के कमरों में मजबूरी मे रहकर पढ़ाई कर रहे है, क्योंकि उनके माता पिता नहीं चाहते की वो रोज जोखिम भरा सफर न करे, मंगलवार एक महिला बीमार पड़ी तो उसे दंडी कंडी के सहारे ग्रामीण पहाड़ी में से किसी तरह जान जोखिम में डालकर अस्पताल तक लाये.
सवाल उठता है की आखरी छोर में वो कौन है जहाँ तक विकास पहुंचना है,