अर्धचंद्राकार गंगा के तट पर देव आराधना के मुख्य पर्व देव दीपावली पर 15 नवंबर को विश्वप्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती की अलौकिक छटा निहारने देश-विदेश से लोगों का हुजूम उमड़ेगा। दीपों से जगमग होते घाट पर अप्रतिम व अविस्मरणीय मां गंगा की आरती पहली बार लोग वेबसाइट पर भी देख सकेंगे और प्रधानमंत्री व काशी के सांसद नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से इसके साक्षी बनेंगे।
गंगा सेवा निधि की ओर से पहली बार देव दीपावली वेबसाइट पर दिखाई जाएगी और वेबसाइट का शुभारंभ 15 नवंबर को ही होगा। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। बताया कि यह पहली बार होगा जब वेबसाइट के माध्यम से देश-विदेश में बैठे लोग देव दीपावली देख सकेंगे। वेबसाइट gangasevanidhi.in का शुभारंभ भी उसी दिन होगा। इस साल शौर्य रजत जयंती मनाई जा रही है। गंगा आरती के दौरान ‘एक संकल्प गंगा किनारे’ के तहत मां गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने, पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए एक साथ लाखों लोगों को संकल्प दिलाया जाएगा।
प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, पं. श्रीधर पांडेय व प्रमुख अर्चक आचार्य रणधीर के नेतृत्व में 21 ब्राह्मण मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन करेंगे। 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के रूप में रहेंगी। इस दौरान श्रीराम जन्म योगी के शंखनाद व श्रीकाशी विश्वनाथ डमरू दल के 10 स्वयंसेवक डमरुओं के निनाद से मां गंगा की आराधना करेंगे। उन्होंने बताया कि संस्था के संस्थापक पं. सत्येंद्र मिश्र की स्मृति में आकाशदीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। वहीं, दशाश्वमेध घाट को बनारस के अलावा कोलकाता व गुवाहाटी के सजावटी फूलों से सजाया जाएगा।