प्रादेशिक सेना में अलग-अलग पदों के लिए सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हो रही भर्ती ने कुमाऊं के चार जिलों की परिवहन व्यवस्थाओं को तार-तार कर दिया। मैदान वाले हल्द्वानी तक किसी तरह पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को ढाई सौ किमी. दूर पिथौरागढ़ तक पहुंचने के संकट के आगे सारी व्यवस्थाएं फेल हो गईं।
कानून व्यवस्था संभाले रखने में प्रशासन के अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। पिथौरागढ़ से दिल्ली, देहरादून जाने वाली बसों में यात्रियों को स्थान नहीं मिल पा रहा है। पिथौरागढ़ नगर के स्कूलों में तीन दिन का अवकाश घोषित करना पड़ा है।
सेना भर्ती को लेकर पूर्व में सेना और प्रशासन की बैठक में तैयारियाें पर चर्चा तो की गई थी लेकिन युवाओं की इतनी भीड़ उमड़ पड़ेगी इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। इसका परिणाम यह हुआ कि टनकपुर और हल्द्वानी से लेकर भर्ती केंद्र पिथौरागढ़ तक युवाओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त वाहन लगाने पड़े हैं