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एनएच की तर्ज पर सुयालकोट भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट होगा

एनएच की तर्ज पर सुयालकोट भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट होगा

हेम चन्द्र मिश्रा

देवाल विकास खंड के 12 से अधिक गांवों की जोड़ने वाली लाइफ़ लाइन देवाल-खेता मानमती मोटर मार्ग का भूस्खलन क्षेत्र सुयालकोट में
चार साल से भूस्खलन हो रहा है।इस भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट एनएच की तर्ज पर करने का कवायत शुरू हो गई। टीएचडीसी डीपीआर तैयार कर लोनिवि को देगा।
सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस वर्ष सुयालकोट का ट्रीटमेंट हो जाएगा।
देवाल-खेता मानमती मोटर सुयालकोट में थोड़ी सी बारिश में ऊपर से लगातार लैंड स्लाइडिंग हो रहा। सड़का का एक बड़ा भू भाग पिंडर नदी में समा गया है । पिछले चार साल से बरसात में सड़क मार्ग बंद हो जाता है। घाटी का सम्पर्क ब्लांक मुख्यालय से कट जाता है। क्षेत्र के दस हजार की आबादी को आवाजाही के लिए बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। घाटी में जाने के लिए एक मात्र मोटर सड़क होने से दो माह खाद्यान्न संकट बना रहता है।
यह सड़क मोपटा, मेलखेत, नलधूरा, हरमल, वोटिंग, उदयपूर, सौरीगाड,नमला, रामपूर , तोरती, झलकियां, कुंवारी,खेता, मानमति सहित कुमाऊ के जनपद बागेश्वर के एक दर्जन गांवों को जोड़ता है।
क्षेत्र के प्रधान प्रशासक सरस्वती बागड़ी, दीवान राम, उर्बी दत्त जोशी, भवानी दत्त, क्षेपंस जशवंत सिंह कुवर ने कहा कि पिछले चार साल से सुयालकोट में भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट करने के लिए कई बार आंदोलन कर चुके हैं। क्षेत्रिय विधायक भूपाल राम टम्टा व लोनिवि के मुख्य व प्रमुख अभियंता सुयालकोट भूस्खलन क्षेत्र का निरीक्षण कर चुके हैं। लोनिवि ने पूर्व में भूगर्भीय सर्वेक्षण भी किया है। फिर भी सड़क का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है। जबकि लोनिवि को ट्रीटमेंट के लिए डेढ़ करोड़ स्वीकृत हुआ था। विभाग के अभियंताओ का कहना था कि भूस्खलन क्षेत्र पहले 125मीटर था जो लगातार बढ़ कर 250 मीटर से अधिक बढ़ गया है इस राशि में ट्रीटमेंट होना संभव नहीं है।
अब सड़क की डीपीआर टीएचडीसी तैयार करने में जुटी है। एनएच की तर्ज पर भूस्खलन क्षेत्र सुयालकोट का ट्रीटमेंट होने की आश‌ जग गई ‌है। सम्भवत
अप्रैल माह में डीपीआर तैयार हो जाएगी।

भूस्खलन क्षेत्र का लोहे की जाली सरिया, सीमेंट ‌डाल कर सड़क के ऊपर व नीचे छोर पर ट्रीटमेंट होना है ।पिंडर नदी का कटाव रोका जाना है। टीएचडीसी अप्रैल माह तक डीपीआर बना कर सौंप देगा और फिर एनएच की तरह ट्रीटमेंट शुरू होगा।
रमेश चंद्र अधीक्षण अभियंता लोनिवि गोपेश्वर चमोली।

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