हरिद्वार । जल संस्थान में पानी के बिलों में करीब 35 लाख रुपए के घपले का मामला सामने आया है। एक कर्मचारी की शिकायत पर विजिलेंस ने कार्यालय पर छापा मारकर सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी है। हालांकि कुछ स्थानीय अधिकारी मामले में लीपापोती करने में लगे हैं।
जल संस्थान में हाल ही में एक करीब 35 लाख का घोटाला सामने आया है। दरअसल करीब आठ दिन पहले एक कर्मचारी पानी के बिलों की जांच कर रहा था। इस दौरान उसे बिलों में कुछ गड़बड़ी मालूम हुई। उसने स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद मामला करीब आठ दिन ऐसे ही दबा रहा। अब दो दिन पहले किसी ने इसकी शिकायत आला अधिकारियों को कर दी।
बताया जा रहा है कि मामला तीन साल से चला आ रहा है। इसमें उपभोक्ताओं द्वारा जमा किए जा रहे पानी के बिलों को मुख्यालय में जमा नहीं किया गया। जबकि उपभोक्ताओं को फर्जी रसीद थमा दी गई। कंप्यूटर में एंट्री करते दौरान अब ये मामला सामने आया। वहीं शिकायत के बाद मंगलवार देर शाम देहरादून से मुख्यालय के निर्देशानुसार एक विजिलेंस टीम रुड़की जल संस्थान कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने सभी दस्तावेजों की जांच की। साथ ही आगे की जांच के लिए दस्तावेजों को जब्त कर लिया।
इस मामले में कुछ स्थानीय अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने किसी तरह के घोटाले से इनकार किया।
वहीं इस मामले में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान ने बताया कि रुड़की जल संस्थान में पानी के बिलों में कुछ गड़बड़ी की शिकायत आई थी। शिकायत से मुख्यालय को अवगत कराया गया। इसके बाद विजिलेंस टीम छानबीन के लिए रुड़की पहुंची। प्रथम दृष्टिया मामला करीब दो-तीन साल से चला आ रहा है। हालांकि अभी जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस दौरान कितने लाख का घोटाला किया गया है। जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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