समग्र स्वास्थ्य हेतु पतंजलि तथा बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र के मध्य ऐतिहासिक समझौता
• योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से हमारे देश के प्रहरियों को तनाव, अवसाद, चिंता से मिलेगा एक सकारात्मक समाधान – आचार्य बालकृष्ण
• यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयासरत हैं – ब्रिगेडियर करुण प्रताप सिंह
हरिद्वार, 25 जुलाई : भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनरुत्थान और समग्र स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान और बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र, रूड़की के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज के समय में जब आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न तनाव, चिंता, अवसाद ने हमारे देश के प्रहरियों, हमारे सैनिकों की भी दिनचर्या को प्रभावित किया है। ऐसे में योग और आयुर्वेद उनके लिए एक सकारात्मक समाधान प्रस्तुत करेगा। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य योग, आयुर्वेद, और समग्र जीवनशैली के माध्यम से न केवल सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों को, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी लाभ पहुँचाना है। यह समझौता ज्ञापन भारतीय सनातन ज्ञान के संवर्धन का माध्यम बन योग, आयुर्वेद, और समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण की शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त सैनिकों को उनके कौशल के आधार पर पतंजलि में सेवा का अवसर प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा। इससे वे पुनः देश एवं समाज की सेवा कर पाएंगे। आचार्य जी ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन मात्र एक अनुबंध नहीं, यह “स्वस्थ भारत” और “फिट इंडिया” जैसे अभियानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है। जब हमारे सैनिक और उनके परिजन योग एवं आयुर्वेद से लाभान्वित होंगे, तो राष्ट्र निर्माण की नींव और मजबूत होगी।बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र के कमांडेंट, ब्रिगेडियर करुण प्रताप सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए सतत प्रयासरत दोनों संस्थानों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह केंद्र न केवल सैनिकों को तकनीकी और युद्ध संबंधी प्रशिक्षण देता है, बल्कि उनके संपूर्ण विकास पर भी बल देता है। वर्षों से यह इकाई सैनिकों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण के लिए अनेक गतिविधियों का संचालन करती रही है। इस दिशा में पतंजलि के साथ यह समझौता ज्ञापन मील का पत्थर साबित होगा।इस समझौते के तहत पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि अनुसंधान संस्थान, बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र के सैनिकों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिजनों की आवश्यकताओं को भली भांति जानकर, अनुभवी आचार्य, वैद्य, योग प्रशिक्षक की सहायता से योग, आयुर्वेद पर राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (NCVET) आधारित ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का संचालन करेंगे। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत लघु अवधि के कोर्स, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, डिप्लोमा, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के कोर्स उपलब्ध होंगे साथ ही, सेमिनारों, और कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, पतंजलि योगपीठ के दन्त चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. कुलदीप सिंह, बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एवं केंद्र के कर्नल उमेश राणे-डिप्टी कमांडेंट बीईजी, लेफ्टिनेंट कर्नल योगेश पालीवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल स्वप्निल जोशी सहित बी.ई.जी. के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।