बंड मेले में चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा..पर थिरके
गोपेश्वर। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सात दिन से चल रहा बंड मेले का मंगलवार को समापन हो गया। मेले के आखिरी दिन लोक गायक गोविंद दिगारी, गायिका खुशी जोशी, इंद्र आर्य की शानदार प्रस्तुतियों ने बंड मेले में रंग जमाया। इंद्र आर्य के लोकप्रिय गीत ठुमुक ठुमुक जब तू हिटैंदी पहाड़ी बाटा में, चुनरी तेरी चमकनी, गुलाबी शरारा…. गया तो मेले में पहुंचे लोग थिरकने लगे। ओ लाली होंसिया, जरा मठू मठू हिट झंवर गिरले मेरी सुमना .., मेरी भनुली क्या भली बांद…, हफ्ते मा इतवार का दिन टेलीफोन केरी मेरी सुवा.., बोल हीरा बोल.., तेरो लंहगा च लाल.., ओ मेरी कमला मायादार.., जय हो कुमाऊं जय हो गढ़वाल., हिट मधुली हिट मेरा पहाड ..की प्रस्तुति दी।
राज्य के पर्वतीय मेलों और संस्कृति पर कार्य कर रहे संजय चौहान ने कहा कि बंड मेले में उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत को मंच मिला है। मेला अपने उद्देश्यों में सफल रहा। मेले के अध्यक्ष अतुल शाह ने कहा कि बंड महोत्सव ने अपनी अलग पहचान बनाई है। बंड विकास संगठन के अध्यक्ष अतुल शाह ने कहा कि बंड मेला आज प्रदेश के अग्रणी मेलों में शामिल हो चुका। मेला स्थानीय लोगों के लिए एक बेहतर मंच उपलब्ध कराता है। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष शम्भू प्रसाद सती, संरक्षक विजय मलासी, महामंत्री हरेंद्र पंवार, हरीश पुरोहित, हरिबोधनी खत्री, बृजलाल, ताजबर सिंह नेगी आदि मौजूद रहे। वहीं, बंड मेले में गायिका माया उपाध्याय और गजेंद्र राणा के गीतों की भी धूम रही। कंपाने वाली ठंड के बीच देर रात तक दोनों ने लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया। पुष्पा छोरी पौड़ी खाल की…,, क्रीम पौडर, सहित कई गीतों की प्रस्तुति दी।
बंड मेले में को सांस्कृतिक प्रस्तुति देते लोक कलाकार।