चमोली,
आगामी 25 मई को सिखों के तीर्थ हेमकुंड साहब की यात्रा शुरू होने जा रही है लेकिन अभी भी हेमकुंड में रुक-रुक कर बर्फ वारी का दौर जारी है हेमकुंड में अभी भी 12 से 15 फीट तक बर्फ मौजूद है
बता दें कि हेमकुंड यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का सेवा कार्य सेना की 418 स्वतंत्र फील्ड इंजीनियरिंग कोर के द्वारा किया जाता है। इस वर्ष भी सेना के जवानों को 15 अप्रैल को हेमकुंड यात्रा मार्ग के अंतिम पड़ाव घांगरिया पहुंचना था लेकिन 19 अप्रैल को उत्तराखंड में हो रहे मतदान के कारण अब 20 अप्रैल को सेना एवं गुरुद्वारे के सेवादारों का दल रास्ता खोलने के लिए रवाना होगा
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि अभी भी हेमकुंड में 12 से 15 फीट तक बर्फ मौजूद है और पवित्र हिम सरोवर पूरी तरह से बर्फ के नीचे ढका हुआ है बताया कि अटलाकोटी ग्लेशियर जो हेमकुंड से 2 किलोमीटर पहले स्थित है वहां पर ग्लेशियर को काटकर रास्ता बनाना सेना के लिए इस बार एक बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है
गोविंदघाट गुरुद्वारा के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे के सेवादारों का दो सदस्य दल हेमकुंड तक रैकी करके आज दोपहर बाद गोविंदघाट वापस पहुंच गया है और सेवादारों द्वारा बताया गया है कि हेमकुंड में 12 से 15 फीट तक बर्फ मौजूद है और रास्ते में जगह-जगह हिमखंड पसरे हुए हैं बताया कि श्री हेमकुंड साहब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने 25 मई को हेमकुंड गुरुद्वारा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है और 20 अप्रैल से सेना की टुकड़ी यात्रा मार्ग में पसरे हुए हिमखंड और बर्फ को काटकर पैदल मार्ग बनाना शुरू कर देगी