कवि कुमार विश्वास ने आज हरकी पैड़ी स्थित मालवीय द्वीप पर आयोजित राम कथा में कहा कि कथा केवल आध्यात्म के लिए नहीं बल्कि, तमाम पीढ़ियों में राम को जानने के लिए है। मानस की पंक्ति ‘मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदशरथ अजर बिहारी’ और बाबा तुलसी की रचना रामचरितमानस के दोहों के साथ कथा का आरंभ हुआ तो हरकी पैड़ी की दो धाराओं के बीच से जय-जयकार उठने लगी। सियावर रामचंद्र की जय की ध्वनि और गूंजते स्वर के साथ पहले दिन की कथा का आरंभ हुआ।
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