ऋषिकेश,
न विकास निगम कर्मियों ने सोनीसुत नदी में एक मादा हाथी (30-40 वर्ष) को गिरा हुआ देखा था। इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग ने मौके पर जाकर देखा तो पाया कि हाथी बीमार है। उसका तुरंत उपचार शुरू कर दिया गया। डॉक्टरों की टीम ने ग्लूकोज के साथ ही एंटीबॉयोटिक और अन्य दवाएं दीं। अब तक लगभग 150 बोतल ग्लूकोज व अन्य दवाएं हाथी को दी जा चुकी हैं।
रस्सियों के सहारे खड़ा करने की कोशिश
विभाग व डॉक्टरों की टीम ने मादा हाथी को रस्सियों आदि के सहारे खड़ा करने भी कई बार कोशिश की, लेकिन असफलता मिली। उसकी हालत में कोई विशेष सुधार नहीं दिख रहा है। पूरे दिन इलाज और देखभाल के बाद जब वन विभाग की टीम लौटती है तो हाथियों का झुंड बीमार हाथी को चारों तरफ से घेरकर खड़ा हो जाता है।
अपने साथी की कमी महसूस कर रहे हाथियों का झुंड नदी में पड़े बीमार मादा हाथी की निगरानी करता रहता है। 10 से 12 हाथियों का झुंड लगातार अपने बीमार साथी के पास पहुंचता है। काफी देर तक बीमार हाथी के पास खड़े होकर यह झुंड मानो दुख व्यक्त करता हो।