अतिवृष्टि

टिहरी के भिलगना ओर बुढ़ाकेदार में तबाही ही तबाही

टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान के अंदर मां और बेटी दब गईं। जिससे दोनों की मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने देर रात किसी तरह बाहर भाग कर जान बचाई। एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व पुलिस की टीम तोली गांव पहुंच गई है। वहीं भारी बारिश के चलते भिलंगना ब्लॉक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
तोली गांव के ग्राम प्रधान रमेश जिरवाड़ ने बताया कि रात को दो ढाई बजे क्षेत्र में जमकर बारिश हुई। इसी दौरान वीरेंद्र लाल का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। मकान के पीछे से हुए भूस्खलन में दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। घर के अंदर सो रही वीरेंद्र लाल की पत्नी सरिता देवी 36 वर्ष और उसकी बेटी अंकिता 15 साल अंदर मालबे में दब गई है। उन्हें तलाशने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया। सरिता देवी का शव मलबे से बरामद कर लिया है। तिनगढ़ गांव का जूनियर हाई स्कूल भवन भी भूस्खलन से पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। विशन गांव दला गांव को जोड़ने वाला पैदल पुलिया भी बह गई है।
टिहरी के जौनपुर ब्लॉक में 33 केवी का विद्युत सब स्टेशन ठप
टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में भारी मलबा भर गया है। जिससे ट्रांसफार्मर दब गए हैं। विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है। विद्युत सब स्टेशन परिसर में सड़क का मलबा और पानी घुसा हैं., टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लॉक में धर्मगंगा और बालगंगा में भीषण बाढ़ से अपार जन- धन की हानि हुई है। प्रसिद्ध समाजसेवी स्व० बिहारी लाल जी द्वारा निर्मित छोटी पन बिजली का पावर हाउस भी बह गया। थाती गांव के बस अड्डे पर अनेकों घर और स्थानीय होटल जल प्रलय में समा गए। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बुढाकेदार नाथ से आगे तोली गांव में एक 40 वर्षीय महिला और उसकी 15 वर्ष की बेटी मलवे में दबाकर मर गयी। झल्ला में भी तीन लोग बाढ़ में बह गए हैं। इसी के पास भिगुन गांव में रा०उ० प्रा० विद्यालय का भवन भूस्खलन के मलवे में दब गया है। यहां के अलावा बद्रीनाथ, मद्महेश्वर, यमुनोत्री आदि स्थानों पर बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इन क्षेत्रों में अनेकों पशु और गौशालाएं बह गई है। यहां के छोटे और सीमांत किसान भूमिहीन और बिना आवास के हो गये है और विद्युत की कमी का सामना भी कर रहे हैं।
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टिहरी जनपद में 26 जुलाई को बालगंगा में बाढ़ आई थी। रात 3:30 बजे यानी 27 जुलाई को धर्म गंगा में कल से भी अधिक भीषण बाढ़ आ गई है।दोनों का संगम बूढ़ाकेदारनाथ में है। जो आगे 30 किमी की दूरी पर घनसाली में भिलंगना नदी से मिलती है और आगे टिहरी बांध के जलाशय में समा जाती है। दोनों नदियों का उद्गम सहस्त्रताल ग्लेशियर से है। 26- 27 जुलाई 2024 को दोनों दिन थाती कठूड पट्टी और प्रसिद्ध बूढ़ाकेदारनाथ धाम के लिए बहुत संकट ग्रस्त रहा है। दोनों नदियों के किनारो की कृषि भूमि मलवे में तब्दील हो गई है। लोगों की खेतीबाड़ी, गौसाले, आने जाने के रास्ते सब बाढ़ की चपेट में आकर ध्वस्त हो गए। यहां के दोनों पुल भी खतरे की जद में है।आज सुबह का नजारा वीडियो में देखकर बहुत डरावना है।ऐसा लग रहा है कि पहाड़ की मिट्टी, पानी और यहां पर रहने वाले लोगों की जिंदगी दिनों -दिन खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। इस बार जंगलों में आग भी बहुत लगी है और जितनी भी बारिश हो रही है उसके कारण ढीली पड़ी हुई मिट्टी बहकर नदियों की तरफ बाढ़ का रूप ले रही है। दूसरी तरफ इन दोनों नदियों के उद्गम में लोग बताते हैं कि यहां पर वनों का व्यावसायिक दोहन बड़ी मात्रा में चल रहा है। छोटे बड़े भूकंप से भी धरती हिली हुई है। इस दूर दराज के क्षेत्र में लंबे समय से इसी तरह की बाढ़ आ रही है। इसके बावजूद भी बाढ़ सुरक्षा की मजबूत संरचनाएं नहीं बनी है। बाढ़ सुरक्षा के लिए स्थानीय लोग लगातार मांग करते आए हैं लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया है।

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