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दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को पत्र लिखा

दिल्ली,

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को दिल्ली विधानसभा में पेश करने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कैग की 11 रिपोर्ट को पेश नहीं किया। साथ ही आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जानबूझकर इन्हें विधानसभा में प्रस्तुत करने से बच रही है।

पत्र में एलजी ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि सुनिश्चित करें कि ये रिपोर्ट जल्द से जल्द विधानसभा में रखी जाएं। उधर, दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट जल्द ही विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी।

पत्र में एलजी ने लिखा कि इनमें राज्य वित्त, प्रदूषण निवारण, दिल्ली में शराब का विनियमन और आपूर्ति, विनियोग खाते, सार्वजनिक उपक्रमों और सामाजिक व सामान्य क्षेत्रों से संबंधित तथा देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों पर निष्पादन लेखा परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट हैं। ये रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं। इनमें से कुछ कैग की रिपोर्ट 2022 से लंबित हैं। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 की अवधि के लिए दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर प्रदर्शन ऑडिट पर कैग रिपोर्ट चार मार्च 2024 को दिल्ली सरकार को भेजी गई थी। यह मंत्री आतिशी के पास 11 अप्रैल 2024 से लंबित हैं। दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर प्रदर्शन ऑडिट की कैग रिपोर्ट दिल्ली सरकार की विवादास्पद और विफल आबकारी नीति को लेकर महत्वपूर्ण है। इसकी मदद से दिल्ली सरकार में हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद रद्द कर दिया था।

केजरीवाल को भी लिखा था पत्र
एलजी ने पत्र में लिखा कि दिल्ली के लेखा नियंत्रक ने 18 जुलाई को एलजी सचिवालय को सूचित किया था कि उपरोक्त सभी कैग ऑडिट रिपोर्ट वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं। 22 फरवरी 2024 को एलजी ने इन रिपोर्ट के लंबित होने के बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पत्र लिखा था। साथ ही कहा था कि वित्त मंत्री को सलाह दें कि वे उन्हें जल्द से जल्द विधानसभा के समक्ष रखें।

विधानसभा और जनता की जांच से बच रही सरकार
एलजी ने पत्र में लिखा कि विधानसभा में कैग रिपोर्ट न रखकर सरकार विधानसभा और जनता की जांच से बच रही है। यह लोकतांत्रिक जवाबदेही के आधार को कमजोर करती है। इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड और दिल्ली में निजी बिजली वितरण कंपनियों के प्रदर्शन सहित कई कैग रिपोर्ट को कई साल तक लंबित रखा था। इसे लेकर एलजी को देरी की शिकायत करनी पड़ी थी।

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