बदरीनाथ धाम में माता मूर्ति उत्सव उल्लासपूर्वक मनाया
-श्री उद्धव और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सेना के बैंड के साथ माता मूर्ति मंदिर पहुंची
-श्रद्धालुओं को दर्शन देने के बाद देव डोलियां वापिस बदरीनाथ धाम आई
बदरीनाथ। श्रीबदरीनाथ धाम में माता मूर्ति उत्सव के तहत रविवार सुबह बदरीनाथ मंदिर में बाल भोग के बाद सुबह 10 बजे गढ़वाल राइफल्स के बैंड, ढोल नगाड़ों की भक्तिमय धुनों और जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ भगवान बदरीविशाल के प्रतिनिधि श्री उद्धव जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी माता मूर्ति मंदिर के लिए रवाना हुई।
माता मूर्ति मंदिर पहुंच कर श्री उद्धव जी ने माता मूर्ति की कुशलक्षेम पूछी तथा भगवान बदरीविशाल की कुशलता से माता मूर्ति को अवगत कराया। रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठियों तथा माता मूर्ति के पुजारी सुशील डिमरी द्वारा अभिषेक पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इस अवसर सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता मूर्ति एवं देव डोलियों के दर्शन किये तथा प्रसाद प्राप्त किया।
इससे पहले आईटीबीपी केंप के निकट देश के पहले गांव माणा पंचायत प्रधान पीताम्बर मोल्फा के साथ महिला मंडल माणा की महिलाओं ने श्री उद्धव जी को जौ की हरियाली भेंट की इस अवसर पर आईटीबीपी, तथा असम राइफल्स एवं श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया था।
देव डोलियों के साथ बदरीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी, पूर्व रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी सहित बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य भास्कर डिमरी, केटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ अमित बंदोलिया, मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी, पुलिस प्रशासन आईटीबीपी के अधिकारी और जवान भी माता मूर्ति मंदिर पहुंचें।
दिन के भोग के बाद अपराह्न तीन बजे श्री उद्धव जी की देव डोली और आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी वापस श्री बदरीनाथ धाम आ गई। श्री उद्धव जी बदरीश पंचायत में और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी मंदिर परिसर में विराजमान हो गई। इस दौरान सुबह दस बजे शाम तीन बजे तक श्री बदरीनाथ मंदिर बंद रहा।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के श्री बदरीनाथ पहुंचते ही शआम तीन बजे बाद पुनः मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खुल गया। रविवार शाम को श्री कुबेर जी का श्री बदरीनाथ मंदिर के अंदर सभामंडप में देवस्नान (गारू) भी संपन्न हुआ। जिसमें देव पश्वा सहित बामणी गांव श्रद्धालु भी मंदिर पहुंचें।
इससे पहले बदरीनाथ धाम में नारद उत्सव और नंदाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर बदरीनाथ में चतुर्मास कर रहे वकील स्वामी, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बर्त्वाल, विश्वनाथ, अजीत भंडारी, संजय थपलियाल, प्रकाश भुजवाण, सत्येन्द्र चौहान, रघुवीर पुंडीर, कुलानंद पंत, राजेंद्र पुरोहित, हरीश भंडारी, विकास सनवाल, हरीश जोशी, सतीश मैखुरी सहित देव डोलियों पर रैक्वाल थोक से भागवत सिंह पंवार कमदी थोक से राघव पंवार एवं डिमरी समुदाय से अंकित डिमरी, हरीश डिमरी, अमित डिमरी, सुनील डिमरी, अरविंद डिमरी आदि भी मौजूद रहे।
मंदिर समिति के अधीनस्थ श्री त्रियुगीनारायण मंदिर में भी बामन द्वादशी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री त्रियुगीनारायण भगवान के दर्शन किये। मंदिर समिति के अधीनस्थ मंदिर त्रियुगीनारायण (गुप्तकाशी)में भी बामन द्वादशी महोत्सव शुरू हो गया है।