केंद्र सरकार ने 2024-25 में ‘एक अक्तूबर से 31 दिसंबर’ तिमाही के लिए सामान्य भविष्य निधि ‘जीपीएफ’ पर मिलने वाले ब्याज की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले पांच वर्षों से ब्याज दरें एक ही प्वाइंट पर अटकी हैं। इसे केंद्रीय कर्मियों के लिए झटका बताया जा रहा है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने तीन अक्तूबर को जीपीएफ की ब्याज दरों की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि इस तिमाही के लिए भी ब्याज की दर 7.1 फीसदी ही रहेगी। इससे पहले जुलाई-सितम्बर की तिमाही में भी जीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी रही थी।
ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद थी
वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने ‘एक अक्तूबर से 31 दिसंबर’ तिमाही के दौरान जनरल प्रोविडेंट फंड और उससे मिलते जुलते अन्य प्रोविडेंट फंड के लिए ब्याज की दरें घोषित की हैं। सरकारी कर्मियों को इस बार एनडीए सरकार से जनरल प्रोविडेंट फंड की दरों में बदलाव किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने ब्याज की दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। लंबे समय से ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है।