भाजपा का दशहरे से पहले विजयोत्सव मनाने का सपना साकार नहीं हो सका। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर दस साल बाद फिर सरकार बनाने का जनादेश हासिल कर लिया। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय है। लेकिन, अनुच्छेद-370 रद किए जाने के बाद हुए इस चुनाव के नतीजे बड़े संदेश देने वाले हैं। नतीजों के बाद कई सवाल भी उभरे हैं, जिनके जवाब पर सभी की निगाहें होंगी।
छह साल से उपराज्यपाल या एलजी राज देख रहे लोग निर्वाचित और स्थिर सरकार चाहते थे। पूरे चुनाव के दौरान जगह-जगह ब्यूरोक्रेसी के व्यवहार के उलाहने व शिकायतें सुनने को मिलीं। नतीजों का पहला संदेश यही है कि जनता ने स्थिर सरकार के लिए एनसी व कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत से चुना। अपनी ओर से जोड़तोड़ का मौका नहीं दिया।