चारधाम

बदरीनाथ के 17 और यमुनोत्री के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे

 

बदरीनाथ के 17 और यमुनोत्री के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे
-केदारनाथ के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे
-गंगोत्री के 2 नवंबर को बंद होंगे
बद्रीनाथ । यात्रा वर्ष में विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर की रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। यमुनोत्री के कपाट 3 नवंबर की सुबह 12.05 मिनट पर बंद होंगे। इसी के साथ उत्तराखंड चारधाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई है। गंगोत्री के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12.14 बजे और केदारनाथ के कपाट 3 नवंबर को सुबह 8.30 बजे बंद किए जाएंगे। शुक्रवार तक तक 48.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी पर मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गई। कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी व बामणी, पांडुकेश्वर व माणा के हक-हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की।
यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर तीन नवंबर को 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में किए जाएंगे। भैया दूज के पावन पर्व पर 3 नवंबर को अभिजित मुहूर्त में 12 बजकर 5 मिनट पर मकर लग्न अनुराधा नक्षत्र और सौभाग्य योग में मां यमुना के कपाट शीतकाल के लिए बंद दिए जाएंगे। तथा 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मां यमुना के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए पुनः खोल दिए जाएंगे।
इस अवसर पर श्री यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, प्यारे राम उनियाल, अरुण उनियाल, घनश्याम प्रसाद उनियाल, संजीव उनियाल, संदीप शास्त्री, विजय प्रसाद उनियाल, अजवीन पंवार ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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