उत्तराखंड

शव को एम्बुलेंस मे ले जाने को ज़ब पैसे नहीं मिले तो..

हल्द्वानी!

बेटे को मां-बाप ने बुढ़ापे का सहारा बनेगा करके पाला, लेकिन उसने अज्ञात कारणों के चलते विषैला पदार्थ गटक लिया। बहन एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को एंबुलेंस में लेकर जा सके। उसने गांव वाले टैक्सी मालिक से मदद मांगी। इसके बाद शव को रिश्तेदार और टैक्सी वाले की मदद से छत में बांधकर ले गई।

गरीबी के कारण तमोली ग्वीर बेरीनाग पिथौरागढ़ निवासी शिवानी हल्द्वानी में काम करने आई। वह हल्दूचौड़ में एक कंपनी में करीब छह महीने से काम कर रही थी। घर में माता-पिता एक भाई और एक बहन हैं। पिता बुजुर्ग होने के कारण पहाड़ में ही खेती बाड़ी करते हैं। उसने अपने भाई अभिषेक कुमार (20) पुत्र गोविंद प्रसाद को भी कंपनी में काम करने बुला लिया। दो महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा। शिवनी हल्दूचौड़ में ही किराए के कमरे में रहती थी

शिवानी ने बताया कि शुक्रवार सुबह वह और भाई दोनों काम करने गए। एक घंटा काम करने के बाद अभिषेक ने सिर में दर्द होने की वजह से कंपनी से छुट्टी ली और घर गया। इसके बाद उसकी बहन ने उसे कई बार कॉल किया। लेकिन अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई। दिन में खाना खाने के समय शिवानी घर गई, तो वहां दवाई की बदबू आ रही थी। लेकिन घर में कोई नहीं था।

करीब ढ़ाई बजे पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से अभिषेक को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर घर पर सूचना के बाद रिश्तेदार भी बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए। उधर शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।

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