सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को शीतलहर को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने शीत लहर को लेकर प्रदेशभर में आम जनमानस को राहत पहुंचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सभी जिलों को शीतलहर से निपटने के लिए धनराशि मुहैया कराई गई है। मुख्यमंत्रीजी का स्पष्ट निर्देश है कि यदि किसी जनपद को अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है, तो उन्हें तुरंत दी जाए। इसलिए यदि किसी जनपद को धनराशि की आवश्यकता है, तो वह डिमांड शासन को भेज सकते हैं।
सचिवालय में वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड के मौसम में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इस पर खास ध्यान दिया जाए। मौसम तथा सड़कों की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को आगे रवाना किया जाए। यदि बर्फबारी के कारण मार्ग बाधित होते हैं तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जिन स्थानों पर रात के समय आवाजाही रहती है, उन स्थानों पर अनिवार्य रूप से अलाव जलाया जाए। इसकी सूचना उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रारूप में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में प्रत्येक दिन भेजना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने स्तर पर सुनिश्चित कर लें कि रैन बसेरों में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई एनजीओ मदद को आगे आना चाहते हैं, तो उनका भी सहयोग लेने की पहल जिलाधिकारी अपने स्तर पर करें। इसके अलावा आम जनमानस को भी गर्म कपड़े और कंबल आदि दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए ऐसे लोगों को एक प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं को लेकर भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पशुपालन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें ठंड से बचाने की कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि आम जनमानस को शीत लहर से बचाव के लिए क्या-क्या करना चाहिए, इस संबंध में पब्लिक अनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही प्रचार-प्रसार के अन्य माध्यमों का प्रयोग कर समाज में जागरूकता फैलाई जाए।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी जनवरी और फरवरी माह में होनी है, उनका डाटाबेस बनाया जाए। बर्फबारी के कारण जो क्षेत्र आवाजाही के लिए वंचित हो जाते हैं, वहां से गर्भवती महिलाओं को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर लाने की योजना बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण बंद होने वाले मार्गों को चिन्हित कर वहां जेसीबी मशीन, स्नो कटर मशीन तथा टायर चेन की व्यवस्था की जाए, ताकि जनसामान्य का आवागमन तक बहुत ज्यादा समय प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि पालाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों को भी चिन्हित कर वहां साइन बोर्ड लगाए जाएं, ताकि लोग संभलकर ऐसे स्थान पर वाहन चलाएं। वहां चूने और नमक का छिड़काव किया जाए, ताकि सड़क हादसों को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण जो क्षेत्र आवागमन से वंचित हो जाते हैं, उन क्षेत्रों में अगले तीन महीने का राशन, ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य जरूरी सामान का भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि सुरंगों को लेकर एसओपी बनाई जा रही है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इस पर शीघ्र अपने सुझाव उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड कम्यूनिटी रेडियो को सशक्त किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि एक टीम बनाकर जो लोग खुले में सोने को मजबूर हैं, उन्हें रैन बसेरों में पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि कोशिश यह हो कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु शीत लहर से न हो। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में कोहरे के कारण होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए भी जिला स्तर पर प्रभावी रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने बताया कि राज्य तथा जनपद स्तर पर आपदा प्रबंधन परियोजना बनाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से तय फॉर्मेट में जल्द से जल्द सूचनाएं भेजने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों से अपने-अपने सुझाव भी साझा करने का अनुरोध किया।
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी ने कहा कि रैन बसेरों में साफ सफाई की उचित व्यवस्था हो तथा वहां महिला और पुरुषों के रुकने के लिए पृथक व्यवस्था भी की जाए।