मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस ने एक ऐतिहासिक अभियान चलाकर यह सन्देश न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे राष्ट्र को दिया है। ‘ऑपरेशन प्रहार’, साइबर अपराधियों पर करारा प्रहार करने वाला यह अभियान अपने आप में एक मिसाल बन गया है। इस सघन और रणनीतिक कार्रवाई में 290 से अधिक साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
देश के इतिहास में पहली बार उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा एक साथ 17 राज्यों में बड़ी छापेमारी की गई। यह कोई सामान्य कार्रवाई नहीं थी। यह उस दूरदर्शिता और साहसिक निर्णय का परिणाम है, जिसकी नींव मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने साइबर हमले की एक बड़ी घटना के बाद रखी थी। कुछ माह पूर्व उत्तराखण्ड साइबर हमलों का शिकार बना था, तब मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया था कि साइबर अपराधी अब सुरक्षित नहीं रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने पुलिस महकमे को तकनीकी रूप से सशक्त करने के आदेश दिए, साइबर थानों की पुनर्संरचना की और इंटेलिजेंस नेटवर्क को विस्तार दिया। इसका प्रत्यक्ष परिणाम ‘ऑपरेशन प्रहार’ के रूप में सामने आया, जिसमें न केवल उत्तराखण्ड बल्कि अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से यह दिखाया गया कि उत्तराखण्ड अब केवल पर्यटन और तीर्थाटन का केन्द्र ही नहीं, बल्कि साइबर क्राइम से लड़ने में भी एक मॉडल स्टेट बन चुका है।
मुख्यमंत्री का गुड गवर्नेंस मॉडल सिर्फ योजनाओं या घोषणाओं तक सीमित नहीं है। उनके नेतृत्व में शासन की सक्रियता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तीनों ही स्तरों पर परिलक्षित होती है। इस सफल कार्रवाई ने जहां उत्तराखण्ड पुलिस की कार्यकुशलता को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है, वहीं मुख्यमंत्री के मजबूत नेतृत्व और त्वरित निर्णय क्षमता को भी फिर से प्रमाणित किया है।