उत्तराखंड

हेली सेवाओं के लिए गाइडलाइन बनाएगी सरकार: धामी

हेली सेवाओं के लिए गाइडलाइन बनाएगी सरकार: धामी

देहरादून
हेलीकॉप्टर हादसों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने राज्य में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त गाइड लाइन बनाने का निर्णय किया है। रविवार को पटेल नगर स्थित दून मेडिकल कॉलेज में
मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्चतम प्राथमिकता है। उससे किसी भी प्रकार समझौता नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि हेली सेवाओं को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य में ठोस गाइड लाइन बनाई जाएगी। हेली संचालकों को उन गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक उउ्यन सचिव को हाल में हुए हेली हादसों की समीक्षा करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते रोज रुद्रप्रयाग में हुई घटना में सभी यात्री सुरक्षित हैं। उत्तराखंड आने वाले प्रत्येक यात्री सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए हर संभव व्यवस्था की जाएगी।

एक महीने में तीन घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
इस वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान आठ मई से अब तक तीन हेली हादसे हो चुके हैं। आठ मई 2025 को उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर के क्रैश होने पर उसमें सवार छह यात्रियों की मौत हो गई थी। इसके बाद 17 मई 2025 को केदारनाथ में एम्स का हेलीएंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस हादसे में जनहानि नहीं हुई थी। इसके बाद बीते रोज 07 जून 2025 को रुद्रप्रयाग में एक हेलीकॉप्टर उड़ान भरते ही संतुलन खोकर सड़क पर गिर पड़ा।

एनडीएमए भी दे चुका है हेलीपैड सुरक्षा के लिए एसओपी बनाने के निर्देश
देहरादून। राज्य के हेलीपैड में सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद रखने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिरकरण-एनडीएमए भी नागरिक उड्डयन विभाग को दिशानिर्देश दे चुका है। 24 अप्रैल को चारधाम यात्रा की तैयारियों की मॉक ड्रिल के दौरान रुद्रप्रयाग में हादसे की मॉकड्रिल में अफसरों के लचर प्रदर्शन पर एनडीएम के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल (सेनि) ने कड़ी नाराजगी जताई थी। यूएसडीएमए के कंट्रोल में रूम से मॉकड्रिल की समीक्षा कर रहे बहल ने युकाडा के प्रतिनिधि को बुलाकर नाराजगी भी जताई। बहल ने यूकाड़ा के प्रतिनिधि से कहा था कि वो वो हेलीपैड सुरक्षा के लिए एसओपी भी जारी करें और मौके पर जाकर मॉक ड्रिल भी कराएं।

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