11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पतंजलि संग पूरे विश्व में बही योग की गंगा
स्वामी रामदेव जी महाराज, आचार्य बालकृष्ण जी महाराज व हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र में योग साधकों को कराया योग का अभ्यास
देश-विदेश में स्थापित पतंजलि योगपीठ की शाखाओं, देश के लगभग समस्त 650 जिलों तथा पतंजलि की विविध इकाईयों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
स्वामी जी महाराज ने योग को कन्दराओं से निकालकर पूरे विश्व में प्रतिष्ठित किया : स्वामी बजरंगदेव
सम्पूर्ण विश्व में योग का एकमात्र वैश्विक केन्द्र है पतंजलि योगपीठ : स्वामी बजरंगदेव
हरिद्वार, 21 जून : पतंजलि की विविध इकाईयों यथा- पतंजलि योगपीठ; दिव्य योग मंदिर-कनखल; पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क, पदार्था; दिव्य फार्मेसी ए-1; योगग्राम आदि में योगदिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जहाँ पतंजलि अनुसंधान संस्थान, राजीव दीक्षित भवन, निरामयम्, वानप्रस्थाश्रम, पतंजलि हर्बल गार्डन, गुरुकुल गौशाला फार्म, तेलीवाला कृषि फार्म, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, आचार्यकुलम्, पतंजलि गुरुकुलम्, स्वामी दर्शनानन्द महाविद्यालय-ज्वालापुर, पतंजलि आयुर्वेद लि., पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास, समेत समस्त इकाईयों के अधिकारियों, कर्मचारियों, वानप्रस्थियों, छात्र-छात्राओं तथा आजीवन सेवाव्रती भाई-बहनों ने अपनी सहभागिता दर्ज करायी। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ रही।
ज्ञात हो कि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज के दिशानिर्देशन में 11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पतंजलि योगपीठ तथा हरियाणा योग आयोग, आयुष विभाग, हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में कुरुक्षेत्र में आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव जी महाराज, आचार्य बालकृष्ण जी महाराज तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक भूमि पर योग साधकों को योगाभ्यास कराया। इसी के साथ पतंजलि योग समिति के माध्यम से देश के समस्त 650 जिलों में कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत निःशुल्क योग का प्रशिक्षण दिया गया। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 1 लाख से अधिक योग साधकों ने एक-साथ योगाभ्यास कर नया कीर्तिमान बनाया।
हरिद्वार में पतंजलि वेलनेस, पतंजलि योगपीठ-।। के विशाल सभागार ‘योग भवन’ में आयोजित कार्यक्रम में योग एवं षट्कर्म विभाग के प्रमुख डॉ. सचिन त्यागी के दिशानिर्देशन में कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत योगसत्र का आरम्भ किया गया। प्रार्थना के पश्चात् सत्र की शुरुआत ग्रीवा, घुटनों तथा कंधों के सूक्ष्म व्यायाम से हुई। इसके उपरान्त खड़े होकर करने वाले आसनों में ताड़ासन का अभ्यास कराते हुए डॉ. त्यागी ने बताया कि ताड़ासन से बच्चों की लम्बाई बढ़ती है, रीढ़ की हड्डी सुदृढ़ रहती है तथा सम्पूर्ण शरीर को स्थायित्व मिलता है। वृक्षासन से न्यूरो-पेशी समन्वय में सुधार होता है, शारीरिक संतुलन और सतर्कता में वृद्धि होती है, पैर की मांसपेशियाँ सुदृढ़ होती हैं। तत्पश्चात् पादहस्तासन, अर्द्धचक्रासन तथा त्रिकोणासन के अभ्यास के साथ इनसे होने वाले लाभ का वर्णन किया गया।
बैठकर करने वाले आसनों में भद्रासन, वज्रासन, अर्द्ध उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमण्डूकासन तथा वक्रासन का अभ्यास कराया गया। पेट के बल लेटकर करने वाले आसनों में मकरासन, भुजंगासन तथा शलभासन का अभ्यास कराया गया। पीठ के बल करने वाले आसनों में सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्द्धहलासन तथा पवनमुक्तासन का अभ्यास कराया गया। डॉ. त्यागी ने बताया कि अर्द्ध उष्ट्रासन, मकरासन, सेतुबंधासन, अर्द्धमत्सयासन व पश्चिमोत्तानासन आदि कमर दर्द व पीठ सम्बंधि अन्य रोगों में लाभकारी हैं।
इसके पश्चात प्राणायाम के क्रम में कपालभाति, भ्रामरी, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम तथा शीतली प्राणयाम कराया गया। ध्यान सत्र के उपरान्त सभी उपस्थित योग साधकों को नियमित योग का संकल्प दिलाया गया। शान्ति पाठ के साथ योगसत्र का समापन हुआ।
कार्यक्रम का सफल संयोजन करते हुए सेवा प्रमुख- पतंजलि वेलनेस स्वामी बजरंगदेव ने कहा कि योग एक अप्रतिम विद्या है। योग मात्र व्यायाम नहीं अपितु समग्र स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त जीवन पद्धति है, जिसे पूज्य स्वामी जी महाराज ने कन्दराओं से निकालकर पूरे विश्व में प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने कहा कि योग के अनेकों सकारात्मक लाभ है जिन्हें एक योग साधक ही अनुभव कर सकता है। वर्तमान समय में प्रदूषण के कारण हवा, पानी तक दूषित हो चुके हैं, ऐसे में योग ही स्वस्थ व आनंदमय जीवन की कुंजी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सम्पूर्ण शरीर का केन्द्र नाभि है उसी प्रकार इस सम्पूर्ण विश्व में योग का एकमात्र वैश्विक केन्द्र पतंजलि योगपीठ है। योग धर्म, मत, पंथ, जाति, सम्प्रदाय से परे साम्प्रदायिक सौहार्द स्थापित करने में योग की बड़ी भूमिका है। योग सभी धर्म, मजहब को जोड़ता है।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (ट्रस्ट) ब्रिगेडियर (से.नि.) टी.सी. मल्होत्रा, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. मयंक अग्रवाल, कुलसचिव आलोक कुमार सिंह, मानव संसाधन प्रमुख श्री तरुण राजपूत, पतंजलि विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए.के. सिंह, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. अनिल कुमार, पतंजलि आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय, डॉ. दयाशंकर, पतंजलि वेलनेस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कनक सोनी, डॉ. सत्य प्रकाश मिश्र तथा आदि उपस्थित रहे।