उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के तत्वावधान में पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। आपदा के उपरांत आवश्यकताओं का आकलन (PDNA) किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए। एनडीएमए के विशेषज्ञ श्री अमित टंडन द्वारा PDNA की प्रक्रिया, इसके महत्व एवं कार्यान्वयन की विस्तृत जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि PDNA के अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों की क्षति का आकलन, पुनर्निर्माण की आवश्यकताएँ, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव तथा दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि PDNA केवल एक तकनीकी प्रक्रिया न होकर, एक समग्र और सहभागी प्रक्रिया है, जिसमें सभी संबंधित विभागों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा PDNA से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण प्रश्न उठाए गए, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि PNDA को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग तथा जनपदों में पूरी तैयारी कर ली गई हैं।
इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।