स्वास्थ्य
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प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश
चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत…
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डेंगू की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए निर्देश
उत्तराखण्ड में डेंगू की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सक्रिय…
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फिट उत्तराखण्ड अभियान को बढ़ावा देने क़ो बनेगा प्लान
सचिवालय में फिट उत्तराखण्ड अभियान की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को 15 दिन के भीतर फिट उत्तराखण्ड…
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कुट्टू के आटे की बिक्री को लेकर नई गाइडलाइन जारी
नवरात्र के दौरान व्रत उपवास में प्रमुखता से उपयोग किए जाने वाले कुट्टू के आटे की बिक्री को लेकर उत्तराखण्ड…
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5चीजे खाने से बचे, हड्डीयाँ रहेंगी मजबूत
हड्डियों से चूस लेती है सारा कैल्शियम खाने से लेकर पीने वाली ये 5 चीजें, शरीर में छोड़ देंगी बस…
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शरीर की सभी नसों को खोलने का आयुर्वेदिक समाधान
शरीर की सभी नसों को खोलने का आयुर्वेदिक समाधान…. कपूर और नींबु कितने उपयोगी है…दिन में सिर्फ़ एक बार यह…
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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज सचिवालय में राज्य में प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे आने वाले मरीजों तथा गोल्डन कार्ड धारकों के लिए निःशुल्क संचालित की जा रही डायलिसिस सेवाओं की समीक्षा की। बीपीएल निर्धन मरीजों और गोल्डन कार्ड धारकों के लिए प्रदेशभर के 13 जिलों में स्थापित 19 सुचारू डायलिसिस सेन्टर्स के माध्यम से निःशुल्क संचालित की जा रही हेमोडायलिसिस सेवाओं की जानकारी जरूरतमंदों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग पर तय करते हुए मुख्य सचिव ने इस मामले में राज्य के सभी जिलों में सौ फीसदी कवरेज को समयबद्धता से पूरा करने की कड़ी हिदायत दी। सीएस ने अधिकारियों को राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आंवटित सरकारी संसाधनों में तेजी लाने तथा उनका कुशलतापूर्वक उपयोग करने के भी निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में स्थापित 19 सुचारू डायलिसिस सेन्टर्स में 153 डायलिसिस मशीनों की सहायता से गरीबी रेखा से नीचे के मरीजों तथा गोल्डन कार्ड धारकों को निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं प्रदान की जा रही हैं तथा गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के मरीजों को निम्नतम शुल्क पर यह सेवाएं दी जा रही हैं। इसमें पीपीपी में सीएसआर के तहत 82 डायलिसिस मशीने तथा हंस फाउण्डेशन के द्वारा सीएसआर के तहत 49 मशीने संचालित की जा रही हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि पीपीपी मोड के तहत आने वाले अस्पताल आयुष्मान के साथ सूचीबद्ध हैं तथा उसके माध्यम से उनका भुगतान किया जाता है। जिन बीपीएल तथा एचआईवी मरीजों का आयुष्मान कार्ड नही है उनका भुगतान डीजीएमएच तथा एफडब्ल्यू के द्वारा किया जाता है। वर्ष 2024-25 में दिसम्बर तक लाभार्थियों को 117490 डायलिसिस सेशन दिए जा चुके हैं। बैठक में मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभाग को पीएमएनडीपी पोर्टल का व्यापक उपयोग करने के निर्देश दिए, यह पोर्टल पीएमएनडीपी के तहत निःशुल्क डायलिसिस सेवाओं का लाभ उठाने वाले सभी मरीजों का विवरण प्राप्त करने के लिए एपीआई-आधारित आईटी प्लेटफाॅर्म है। सीएस ने डुप्लीकेसी रोकने तथा पारदर्शिता, दक्षता और अंतर संचालन सुनिश्चित करने के लिए 14 अंकों के विशिष्ट ABHA आईडी का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एपीआई सांझा करने तथा समग्र कवरेज के लिए अलग-अलग पोर्टल का उपयोग करने पर इसे पीएमएनडीपी पोर्टल के साथ एकीकृत करने के भी निर्देश दिए। सीएस ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेवाओं को उनके प्रदाताओं के बीच बेहतर कार्य प्रणाली के साथ स्थापित करना तथा किडनी से संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को उच्च गुणवत्ता और कम लागत में डायलिसिस सेवाएं प्रदान करना है। हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया एक बार सम्पन्न होने में अत्यधिक लागत आती है। इस प्रकार किडनी के रोगियों का वार्षिक खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है। राज्य के पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों की हेमोडायलिसिस केंद्रों से दूरी भी इस समस्या का प्रमुख कारण है। इस कार्यक्रम से गरीब परिवारों के रोगियों को कम लागत में डायलिसिस की सुविधा अपने जनपदों में ही प्राप्त हो सकेगी। इस दौरान बैठक में सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी मौजूद रहे।
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गुड़ हर मौसम में खाया जा सकता है
गुड़ का सेवन अधिकांश लोग ठंड में ही करते हैं वह भी थोड़ी मात्रा में इस सोच के साथ की…
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दून अस्पताल से इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से पीड़ित पहला मरीज भर्ती
दून अस्पताल से इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से पीड़ित पहला मरीज सामने आया है। आरटीपीसीआर जांच के बाद मरीज में एन्फ्लुएंजा-ए वायरस…
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अस्पतालों से शवों को निवास स्थान तक भेजने के लिए भी हेली एंबुलेंस सेवा प्रदान की जाएगी।
राज्य सरकार जल्द हेली एंबुलेंस सेवा का दायरा बढ़ाने जा रही है। अब तक सिर्फ मरीजों को दूरगामी क्षेत्रों से…
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