देहरादून, चुखुवाला मेरे प्राचीन शिव मंदिर मेरे श्रीमदभागवत कथा का आयोजन शुरू हुआ, व्यास आचार्य जगदीश प्रशाद भट्ट ने सुनाया की श्रीमद्भागवत महापुराण को कलयुग का कल्पवृक्ष माना जाता है जो भक्ति और मुक्ति प्रदान करता है, और यह ज्ञान मुनि शुकदेव जी ने ही प्रकट किया था.
श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य को परमात्मा से मिलन होता है.
व्यास ने कहा की भागवत कथा का “शुकदेव का अध्याय” कोई विशेष अध्याय नहीं है, बल्कि शुकदेव का पूरा जीवन और श्रीमद्भागवत पुराण का उनका पाठ ही एक महत्वपूर्ण अंश है, जिसमें उन्होंने राजा परीक्षित को मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भागवत कथा सुनाई थी. शुकदेव जी, वेदव्यास जी के पुत्र थे, जिन्होंने अपने पिता से भागवत जी का अध्ययन किया और फिर राजा परीक्षित को कथा सुनाई, जिससे परीक्षित का मृत्यु का भय दूर हो गया..
इससे पहले मंदिर से कलश यात्रा निकली गई, कलशयात्रा मेरे महिला श्रद्धांलुओं ने नृत्य भी किया,
कलशयात्रा मे आचार्य द्वारिका प्रशाद भट्ट, देवानंद सेमवाल, भक्ति राम भट्ट, ज्योति प्रशाद भट्ट, मनीष लेखवार समेत
अनिल डोभाल, सुनील डोभाल, संजना, रीना, आदित्य डोभाल, रमा चरण खंदूरी, रेखा खंदूरी, संतोष और सोनू चमोला आदि शामिल रहे,